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रीतेश अग्रवाल की प्रेरणादायक यात्रा

  • Writer: mlmbusinessphd
    mlmbusinessphd
  • Nov 16, 2024
  • 4 min read

रीतेश अग्रवाल की प्रेरणादायक यात्रा

क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि किसी युवा ने अपनी जिंदगी के ऐसे नाजुक मोड़ पर, जब हम खुद को भविष्य के लिए तैयार कर रहे होते हैं, कड़ी ठंड में रजाई में दुबके रहते हैं, और बरसात में ठंडी हवा हमारे दिमाग पर नशे की तरह छा जाती है, उस समय किसी ने रोज़ 16 घंटे काम करके 360 करोड़ रुपये से भी बड़ी कंपनी की नींव रख दी हो? यह किया है ओडिशा के रीतेश अग्रवाल ने, जिन्होंने मात्र 20 साल की उम्र में Oyo Rooms नामक कंपनी की शुरुआत की और देश-दुनिया के बड़े उद्यमियों और निवेशकों को भी चौंका दिया।

Oyo Rooms का मुख्य उद्देश्य ट्रैवलर्स को कम कीमत में बेहतरीन सुविधाओं के साथ देश के प्रमुख शहरों के होटलों में कमरे उपलब्ध कराना था। व्यक्तिगत रूप से, रीतेश एक सामान्य बुद्धि वाले युवा हैं—दिखने में लंबे, पतले और बिखरे बालों वाले, जैसे कोई कॉलेज का आम छात्र। लेकिन कभी-कभी सामान्य से दिखने वाले लोग भी कुछ असामान्य काम कर जाते हैं, और रीतेश भी उन्हीं में से एक हैं। जिन्होंने 21 साल की कम उम्र में अपने अनुभव, सही मौके को पहचानने की क्षमता और मेहनत के बल पर अपने विचारों को हकीकत में बदल दिया।


बिजनेस के प्रति रुचि और यात्रा की प्रेरणा

रीतेश ने बिजनेस के बारे में सोचना और समझना कम उम्र में ही शुरू कर दिया था। इसमें सबसे बड़ी भूमिका उनके परिवारिक पृष्ठभूमि की थी। उनका जन्म 16 नवम्बर 1993 को ओडिशा राज्य के कटक जिले में एक व्यवसायिक परिवार में हुआ। उन्होंने अपनी बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई जिले के Sacred Heart School से की। इसके बाद उनकी इच्छा IIT में दाखिला लेने की थी, जिसके लिए वे राजस्थान के कोटा आ गए। कोटा में उनके पास दो काम थे—एक पढ़ाई करना और दूसरा, अवकाश के दौरान ट्रैवल करना। यही से उनकी रुचि ट्रैवलिंग में बढ़ी।

कोटा में रहते हुए उन्होंने एक किताब लिखी—Indian Engineering Colleges: A Complete Encyclopedia of Top 100 Engineering Colleges। यह किताब देश के 100 सबसे प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों के बारे में थी और इसे Flipkart जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स साइट पर खूब सराहा गया।


विज्ञान और तकनीकी में रुचि और यात्रा के अनुभव

16 साल की उम्र में उनका चयन मुंबई स्थित Tata Institute of Fundamental Research (TIFR) में आयोजित Asian Science Camp के लिए हुआ। यह एक वार्षिक मंच है जहां एशियाई मूल के छात्र विज्ञान और तकनीकी समस्याओं पर विचार-विमर्श करते हैं। यहां भी वे छुट्टियों में ट्रैवल करते थे और सस्ते होटलों में ठहरते थे। यह अनुभव उनके बिजनेस आइडिया को आकार देने में मददगार साबित हुआ।


Oravel Stays और Oyo Rooms की शुरुआत

वर्ष 2012 में उन्होंने अपना पहला स्टार्ट-अप Oravel Stays शुरू किया। इस कंपनी का उद्देश्य ट्रैवलर्स को सस्ते दामों पर छोटे या मध्यकालिक रहने के लिए कमरे उपलब्ध करवाना था। कुछ ही महीनों में VentureNursery से 30 लाख रुपये का फंड मिला। बाद में उन्होंने Theil Fellowship के लिए आवेदन किया, जिसमें उन्हें लगभग 66 लाख रुपये की धनराशि मिली।

हालांकि, Oravel Stays व्यवसायिक दृष्टिकोण से सफल नहीं हो सका, और उन्हें इसे अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने अनुभवों से कुछ नई राहें खोजी। उन्हें यह एहसास हुआ कि भारत में सस्ते होटल्स की कमी नहीं है, बल्कि समस्या यह थी कि सस्ते होटल्स में बेहतरीन सुविधाएं नहीं मिलती थीं।

इन्हीं विचारों के साथ उन्होंने Oravel Stays को नए रूप में पुनः शुरू किया, और इस बार इसे नाम दिया Oyo Rooms (जिसका अर्थ है "आपके अपने कमरे")। Oyo Rooms का उद्देश्य सिर्फ सस्ते होटल्स में कमरे उपलब्ध कराना नहीं था, बल्कि उन होटलों की गुणवत्ता और सुविधाओं पर भी ध्यान देना था। ओयो के मानकों पर खरा उतरने के बाद ही होटल्स को Oyo से जुड़ने का मौका मिलता था।


ओयो रूम्स की सफलता

इस बार रीतेश ने बिजनेस के हर पहलू को सावधानी से समझा और सही निर्णय लिए। इसके बाद Oyo Rooms में लगातार वृद्धि हुई और ग्राहकों ने इस सेवा को खूब पसंद किया। कर्मचारियों की संख्या बढ़ी, और ओयो ने करीब 15 से अधिक होटलों से समझौता किया। 2014 में, Lightspeed Venture Partners (LSVP) और DSG Consumer Partners ने Oyo Rooms में 4 करोड़ रुपये का निवेश किया।

वर्ष 2016 में, जापान की प्रमुख कंपनी Softbank ने Oyo Rooms में 7 अरब रुपये का निवेश किया, जो किसी भी नए स्टार्ट-अप के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। रीतेश की मेहनत रंग लाई, और ओयो ने मात्र दो वर्षों में 15,000 से अधिक होटलों के साथ देश में सबसे बड़ी सस्ती और आरामदायक कमरों की श्रृंखला स्थापित की। इसके बाद ओयो ने मलेशिया में भी अपनी सेवाएं शुरू कर दीं।


अंतरराष्ट्रीय पहचान

2016 में, प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मैगजीन GQ ने रीतेश अग्रवाल को 50 Most Influential Young Indians: Innovators की सूची में शामिल किया। यह सम्मान उन युवा इनोवेटर्स को दिया जाता है जिन्होंने अपनी नई सोच और विचारों से लोगों की जिंदगी को आसान बनाया है।

रीतेश अग्रवाल की कहानी यह साबित करती है कि दृढ़ संकल्प, मेहनत, और सही मौके को पहचानने की क्षमता किसी भी युवा को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचा सकती है।

 
 
 

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