आदित्य विक्रम बिरला
- mlmbusinessphd
- Nov 16, 2024
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आदित्य विक्रम बिरला (14 नवम्बर 1943 - 1 अक्टूबर 1995)पूर्व अध्यक्ष, आदित्य बिड़ला समूह
आदित्य विक्रम बिरला, भारतीय उद्योग जगत के महान व्यक्तित्वों में से एक थे, जिनका नाम सफल और प्रेरणादायक उद्योगपतियों में लिया जाता है। वे आदित्य बिड़ला समूह के पूर्व अध्यक्ष थे और उन्होंने भारतीय कॉर्पोरेट क्षेत्र में अपनी अद्वितीय छाप छोड़ी। अपने दादाजी जीडी बिरला की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने न केवल बिड़ला समूह को देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई। उनके नेतृत्व में बिड़ला समूह ने कई क्षेत्रों में सफलता के नए मानक स्थापित किए और उन्होंने 'सस्टेनेबल लाइवलीहुड' जैसी महत्वपूर्ण अवधारणा को बढ़ावा दिया, जिससे उनका प्रभाव और भी गहरा हुआ।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा -
आदित्य विक्रम बिरला का जन्म 14 नवम्बर 1943 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में उद्योगपति बसंत कुमार बिड़ला और सरला बिड़ला के घर हुआ। वे प्रसिद्ध उद्योगपति जीडी बिरला के पोते थे, जिन्होंने 'बिरला समूह' की नींव रखी थी। आदित्य ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता से प्राप्त की और फिर सेंट जेवियर्स कॉलेज से विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने 'मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी' से कैमिकल इंजीनियरिंग में उच्च शिक्षा प्राप्त की और फिर भारत लौटे।
कैरियर की शुरुआत -
आदित्य ने अपने पारिवारिक व्यवसाय में कदम रखा और जल्दी ही अपनी क्षमता का लोहा मनवाया। उन्होंने कोलकाता में 'ईस्टर्न एक्सप्रेस मिल्स' से कपड़ा व्यापार की शुरुआत की, जो बहुत सफल रहा। इसके बाद उन्होंने बिड़ला समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, और 1969 में थाईलैंड में 'इंडो-थाई सिंथेटिक्स कंपनी लिमिटेड' की स्थापना की। इसके बाद उन्होंने विभिन्न देशों में कई कंपनियां स्थापित की और बिड़ला समूह को एक बहुराष्ट्रीय साम्राज्य बना दिया।
बिड़ला समूह का विस्तार-
आदित्य बिरला ने बिड़ला समूह के विस्तार के लिए कई साहसिक कदम उठाए। उन्होंने 1970 और 1980 के दशक में थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, और अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में कई कंपनियां और संयुक्त उपक्रम स्थापित किए। उनके नेतृत्व में, बिड़ला समूह ने सीमेंट, एल्युमीनियम, रसायन, वित्तीय सेवाएं, और पेट्रो रिफाइनरी जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण मुनाफे की प्राप्ति की। उनके द्वारा स्थापित कंपनियां अब भारत के प्रमुख उद्योग घरानों में शुमार हैं।
भारत के विकास में योगदान -
आदित्य बिरला ने भारतीय उद्योग को वैश्वीकरण की दिशा में अग्रसर किया। उनके नेतृत्व में, बिड़ला समूह की कंपनियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक, एयर इंडिया और भारत फंड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के निदेशक के रूप में भी कार्य किया। इसके अलावा, उन्होंने कई व्यापार मिशनों में भी हिस्सा लिया और भारतीय उद्योग के लिए कई रास्ते खोले।
व्यक्तिगत जीवन -
आदित्य विक्रम बिरला का विवाह राजश्री से हुआ था। उनके दो बच्चे थे, बेटी वासवदत्ता और बेटा कुमार मंगलम बिरला, जो आज बिड़ला समूह के अध्यक्ष हैं।
मृत्यु - आदित्य बिरला को 1993 में प्रोस्टेट कैंसर का निदान हुआ। इसके बाद उन्होंने बिड़ला समूह की जिम्मेदारियां अपने बेटे कुमार मंगलम को सौंप दी। इलाज के लिए वे अमेरिका गए, लेकिन 1 अक्टूबर 1995 को 51 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
सम्मान और पुरस्कार -
आदित्य बिरला को उनके अद्वितीय योगदान के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया, जिनमें प्रमुख हैं:
1978: बंबई महानगर जेसीज द्वारा उत्कृष्ट युवा व्यक्ति अवार्ड
1984: उत्तर बंबई जेसीज द्वारा उत्कृष्ट नागरिक पुरस्कार
1990: बिजनेस इंडिया द्वारा 'बिजनेसमैन ऑफ द ईयर' पुरस्कार
1992: एफआईई फाउंडेशन द्वारा राष्ट्र भूषण पुरस्कार
1995: रोटरी इंटरनेशनल द्वारा वोकेशनल उत्कृष्टता पुरस्कार
जीवन घटनाक्रम (टाइमलाइन)
1943: कोलकाता, पश्चिम बंगाल में जन्म
1965: मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कैमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की
1969: थाईलैंड में इंडो-थाई सिंथेटिक्स कंपनी की स्थापना
1977: मलेशिया में पाम आयल रिफाइनरी की स्थापना
1990: बिजनेस इंडिया द्वारा 'बिजनेसमैन ऑफ द ईयर' अवार्ड
1995: 1 अक्टूबर को अमेरिका में प्रोस्टेट कैंसर के कारण निधन
आदित्य विक्रम बिरला का जीवन उद्योग जगत के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
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