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📖 Creating a Role

  • Writer: mlmbusinessphd
    mlmbusinessphd
  • Jun 14
  • 2 min read

📖 "Creating a Role" – पुस्तक सारांश (हिंदी में)

लेखक: Konstantin Stanislavskiश्रृंखला की तीसरी किताब (1. An Actor Prepares, 2. Building a Character, 3. Creating a Role)


🔷 भूमिका (Introduction):

Stanislavski इस किताब में यह बताते हैं कि एक कलाकार (Actor) को स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद किरदार को कैसे गहराई से समझना चाहिए और उसे अपने अंदर आत्मसात करके मंच पर प्रस्तुत करना चाहिए


🌟 मुख्य अध्याय और उनके सारांश:


1️⃣ पात्र का विश्लेषण (Analysis of the Role):

  • एक्टर को सबसे पहले स्क्रिप्ट को ध्यान से पढ़ना चाहिए।

  • किरदार का उद्देश्य (Objective), बाधाएं (Obstacles), और उसके इमोशनल ड्राइव को समझना जरूरी है।

  • किरदार की पृष्ठभूमि (Backstory) को खुद से बनाना चाहिए, भले ही स्क्रिप्ट में न हो।


2️⃣ पात्र के इरादे और लक्ष्य (Intentions and Objectives):

  • हर सीन में किरदार क्या चाहता है, क्यों चाहता है, और कैसे पाना चाहता है, यह समझना जरूरी है।

  • "Super Objective" यानी पूरी कहानी में किरदार का सबसे बड़ा मकसद क्या है – यह पहचानना जरूरी है।


3️⃣ भावनात्मक सत्य (Emotional Truth):

  • एक्टर को किरदार की भावना को सचमुच महसूस करना चाहिए, सिर्फ नकल नहीं करनी चाहिए।

  • इसके लिए अभिनेता को अपनी निजी यादों, अनुभवों और कल्पनाओं का इस्तेमाल करना होता है।


4️⃣ परिस्थिति का महत्व (Importance of Circumstances):

  • किरदार किन हालातों में है – समय, जगह, सामाजिक स्थिति, रिश्ते – यह सब एक्टर को खुद से साफ करना चाहिए।

  • ये सारी चीजें अभिनय की गहराई में फर्क लाती हैं।


5️⃣ स्क्रिप्ट की संरचना और सबटेक्स्ट (Subtext):

  • एक्टर को सिर्फ डायलॉग नहीं, बल्कि उसके पीछे की न छिपने वाली भावना (subtext) को समझना चाहिए।

  • जो बातें किरदार कहता नहीं, वो भी समझनी होती हैं।


6️⃣ डायलॉग की डिलीवरी (Speech and Expression):

  • एक्टर को हर शब्द की सही टोन, थोड़ा पॉज, और भावनात्मक वजन देना चाहिए।

  • डायलॉग सिर्फ शब्द नहीं, भावना का संप्रेषण होना चाहिए।


7️⃣ बॉडी लैंग्वेज और एक्सप्रेशन (Physical Expression):

  • किरदार के चाल-ढाल, हाव-भाव और आंखों के एक्सप्रेशन भी अभिनय का हिस्सा होते हैं।

  • शरीर की भाषा से भी "अनकही बातों" को दर्शक तक पहुंचाना चाहिए।


8️⃣ रिहर्सल और प्रयोग (Rehearsal and Exploration):

  • बार-बार अभ्यास करके किरदार के अंदर की गहराई को खोजा जा सकता है।

  • कई बार डायरेक्टर और को-एक्टर्स के साथ एक्सपेरिमेंट करना जरूरी होता है।


🧠 Stanislavski की मुख्य टेक्निक्स:

  • Magic If – "अगर मैं इस स्थिति में होता तो क्या करता?"

  • Given Circumstances – वो सारे तथ्य जो किरदार की दुनिया को बनाते हैं।

  • Emotion Memory – अपनी निजी भावनाओं को किरदार के भाव से जोड़ना।

  • Through Line of Action – पूरे नाटक में किरदार का मोटिवेशन और सफर।


निष्कर्ष (Conclusion):

"Creating a Role" यह सिखाती है कि अभिनय केवल डायलॉग बोलना नहीं है, बल्कि एक किरदार को अंदर से महसूस करना, उसकी सोच, भाव, और शरीर की हर अभिव्यक्ति को जीना है।Stanislavski के अनुसार, “सच्चा अभिनय वह है जिसमें दर्शक किरदार को भूल जाएं और इंसान को देख सकें।”


 
 
 

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